" मेरा पूरा प्रयास एक नयी शुरुआत करने का है। इस से विश्व- भर में मेरी आलोचना निश्चित है. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता "

"ओशो ने अपने देश व पूरे विश्व को वह अंतर्दॄष्टि दी है जिस पर सबको गर्व होना चाहिए।"....... भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री, श्री चंद्रशेखर

"ओशो जैसे जागृत पुरुष समय से पहले आ जाते हैं। यह शुभ है कि युवा वर्ग में उनका साहित्य अधिक लोकप्रिय हो रहा है।" ...... के.आर. नारायणन, भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति,

"ओशो एक जागृत पुरुष हैं जो विकासशील चेतना के मुश्किल दौर में उबरने के लिये मानवता कि हर संभव सहायता कर रहे हैं।"...... दलाई लामा

"वे इस सदी के अत्यंत अनूठे और प्रबुद्ध आध्यात्मिकतावादी पुरुष हैं। उनकी व्याख्याएं बौद्ध-धर्म के सत्य का सार-सूत्र हैं।" ....... काज़ूयोशी कीनो, जापान में बौद्ध धर्म के आचार्य

"आज से कुछ ही वर्षों के भीतर ओशो का संदेश विश्वभर में सुनाई देगा। वे भारत में जन्में सर्वाधिक मौलिक विचारक हैं" ..... खुशवंत सिंह, लेखक और इतिहासकार

प्रकाशक : ओशो रजनीश | शुक्रवार, अक्तूबर 29, 2010 | 8 टिप्पणियाँ

"मैं यहां इस लिये नहीं हूं कि तुम मुझे समझ सको। मैं यहां इसलिये हूं कि तुम स्वयं को समझ सको।

तुम्हें अपने कृत्यों, अपने संबंधों, अपनी भावदशाओं के प्रति सजगता से जागरूक होना है: जब

तुम अकेले हो तो तुम्हारा व्यवहार कैसा है, जब लोगों के साथ हो तो कैसे व्यवहार करते हो,

कैसी होती है तुम्हारी प्रतिक्रिया; क्या तुम्हारी प्रतिक्रिया अतीत से प्रेरित होती है और

तुम्हारे विचार जड़ ढांचे से निकलते हैं या कि तुम सहज होते हो, विश्वसनीय होते

हो। इन सब बातों के लिये जागरूक हो जाओ; अपने मन, अपने हृदय के बारे में

जागरूक हो जाओ। यही सब समझने योग्य है, यही वो पुस्तक है जिसे

खोलना है; अन्यथा तुम एक बंद किताब हो।"

ओशो

8 पाठको ने कहा ...

  1. सदा says:

    सुन्‍दर लेखन ।

  2. बिल्कुल सही कहा।

  3. कई बार सोचता हूं कि ओशो गैर ज़रूरी है हर बार गलत साबित होता हूं
    मेरा एक मित्र काफ़ी घर में यही तो कह रहा था
    ताज़ा-पोस्ट ब्लाग4वार्ता
    एक नज़र इधर भी मिसफ़िट:सीधी बात
    बच्चन जी कृति मधुबाला पर संक्षिप्त चर्चा

  4. manu says:

    ham bhi yahaan isliye hain ki aap khud ko samjh sakein...

  5. बेनामी says:

    bahut hi badhiya
    pranam

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