पैदा करने के लिये हूं। मैं तुम्हें कुछ समझाने के लिये नहीं बोल रहा, मेरा बोलना बस
एक सृजनात्मक घटना है। मेरा बोलना तुम्हें कुछ समझाने का प्रयास नहीं
वह तो तुम किताबों से भी समझ सकते हो और इस के अतिरिक्त
लाखों अन्यतरीकों द्वारा यह संभव है - मैं तो यहां
केवल तुम्हें रूपांतरित करने के
लिये हूं।"
ओशो
:)
बढ़िया विचार ..
बहुत बढ़िया .....
मुझे भी पढ़े
http://mereosho.blogspot.com/
बढ़िया सदवचन .... आभार
्सुन्दर विचार्।
गज्जब संदेश!
अच्छा विचार है ओशो का
ज्ञानवर्धक विचार ..
अच्छा लिखा है