
अब तिब्बत में एक किताब है: तिब्बतन बुक ऑफ दि डैड। तो अब तिब्बत का जो भी चोथा शरीर को उपलब्ध आदमी था। उसने सारी मेहनत इस बात पर की कि मरने के बाद हम किसी को क्या सहायता दे सकते हे। आप मर गये हे, मैं आपको प्रेम करता हूं, लेकिन मरने के बाद मैं आपको कोई सहायता नहीं पहुंचा सकता हूं। लेकिन तिब्बत में पूरी व्यवस्था है सात सप्ताह की….कि मरने के बाद सात सप्ताह तक उस आदमी को कैसे सहायता पहुंचायी जाये; और उसके कैसे गाइड (मार्गदर्शन) किया जाये; और उसको कैसे विशेष जन्म के लिए उत्प्रेरित किया जाये; और उसे कैसे विशेष गर्भ में प्रवेश में सहयोग किया जाये और किसी विशेष गर्भ में उसे पहुंचाया जाए। अभी विज्ञान को वक्त लगेगा। कि वह इन...