
राम को कितने दिन हुए, कोई राम पैदा नहीं होता। हाँ, रामलीला के राम बहुत पैदा हुए। रामलीला के राम बनना शोभापूर्ण है? रामलीला के राम बनना गरिमापूर्ण है? यह भी हो सकता है कि रामलीला का राम इतना कुशल हो जाये बार-बार रामलीला करते हुए कि असली राम से अगर प्रतिस्पर्धा करवाई जाये तो असली राम हार जाये।यह भी हो सकता है। क्योकि असली राम से भूल भी होती है, चूक भी होती है, नकली राम से कोई भूल-चूक नहीं होती, नकली आदमी भूल-चूक करता ही नहीं। क्योकि उसे तो सब पार्ट याद करके करना होता है। राम को तो बेचारे को पाठ याद करने की सुविधा नहीं थी, सीता खो गयी तो उन्हें कोई बताने वाला नहीं था की अब किस तरह छाती पीटो और क्या कहो। जो हुआ होगा वह सहज हुआ होगा। वह स्पोंटेनिय्स था। कही कोई लिखी हुई किताब से याद किया हुआ नहीं...